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कर्ज में डुब रहा है मध्‍यप्रदेश जानिये क्‍या स्थिति है आपके प्रदेश की और कितना कर्ज ले चुका है आपका प्रदेश और आगे भी कर्ज लेगा पूरी जानकारी के साथ पढ़ीए INFORMATION AND NEWS BLOG पर



      मुश्किल में प्रदेश

अर्थव्‍यवस्‍था को सही करना अब चुनौती क्‍योंकि खजाना खाली और राजस्‍व ठप


करोना के कहर के कारण बेपटरी हुई अर्थव्‍यवस्‍था से मध्‍यप्रदेश का खजाना लगभग खाली हो गया है। सरकार के पास अर्थव्‍यवस्‍था को संभालने के लिए पर्याप्‍त बजट नहीं है।

जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार मुख्‍य बजट लाएगी, लेकिन राजस्‍व जुटाना बड़ी चुनौती है। प्रारंभिक इंतजामों के लिए सरकार कर्ज की राह पकड़ रही है ताकि हालातों को संभाला जा सके।

दरअसल, सरकार को अतिरिक्‍त टैक्‍स से करीब 350 करोड़ रूपए मिलने की उम्‍मीद थी, लेकिन प्रारंभिक राजस्‍व इस पर खरा नहीं उतर रहा।

शराब की खपत भी पहले के मुकाबले घटी है। ऐसे ही पेट्रोल-डीजल सरकार ने महंगा किया, लेकिन खपत घटने के कारण राजस्‍व प्रभावित हुआ है।

वहीं, रेत की अधिकतर खदानें शुरू नहीं हो पाई हैं। जीसटी आने के बाद अतिरिक्‍त टैक्‍स के रास्‍ते भी बंद है।




     कर्ज की राह पर बढ़े

सत्‍ता संभालने  के बाद भाजपा सरकार ने 1750 करोड़ का कर्ज लिया है। 31 मार्च को 500 करोड़ , 8 अप्रेल को 750 करोड़ और अब 3 जून को 500 करोड़ का कर्ज लिया गया। अभी करीब 3000 करोड़ का कर्ज और लेने की तैयारी है।

कोरोना से आर्थिक मदद के तहत भी कर्ज के रास्‍ते को चुना गया है। इसमें राज्‍य करीब 18000 करोड़ रूपए का कर्ज उठायगा। 31 मार्च 2019 को स्थिति में प्रदेश पर 1.80 लाख करोड़ का कर्ज है, इसके बाद एक साल में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई हैं। फिलहाल नया बजट नहीं आ पाया है। इससे ताजे आंकड़े पेश नहीं किए गए है।




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